मध्य प्रदेश / राज्यसभा चुनाव के लिए तैयारियां, क्रॉस वोटिंग रोकने 25 को मॉकपोल कराएगी कांग्रेस

भोपाल। कांग्रेस 26 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है, कोई विधायक क्रॉस वोटिंग न कर जाए, इसलिए 25 मार्च को मॉकपोल के जरिए यह सुनिश्चित कर लिया जाएगा कि सभी विधायक एकजुट हैं। प्रदेश से कांग्रेस की सरकार जाने के बाद अब पार्टी के वरिष्ठ नेता विधायकों को टटोल रहे हैं। हालांकि मुख्य सचेतक डॉ. गोविंद सिंह पहले ही सभी 92 विधायकों को पार्टी के उम्मीदवारों पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और फूल सिंह बरैया के पक्ष में वोट कराए जाने के लिए तीन लाइन की व्हिप जारी कर चुके हैं। वरिष्ठ विधायक सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि राज्यसभा चुनाव की सभी तैयारियां पूरी कर ली है।


42 विधायक के भरोसे बरैया का राज्यसभा पहुंचना मुश्किल कांग्रेस के बागी 22 पूर्व विधायकों के इस्तीफे होने से विधानसभा में कांग्रेस की सदस्यता 92 रह गई है और सदन की सदस्य संख्या भी 206 रह गई है। दो सीटों जौरा से कांग्रेस विधायक रहे बनवारी लाल शर्मा और आगर मालवा से भाजपा विधायक मनोहरलाल ऊंटवाल की मृत्यु हो चुकी है। इसलिए ये दोनों सीटें रिक्त होने की चुनाव आयोग पहले ही अधिसूचना जारी कर चुका है। इस स्थिति में राज्यसभा की पहली सीट जिसके लिए दिग्विजय सिंह प्रत्याशी हैं, उसके लिए 52 विधायकों की जरूरत होगी जो कांग्रेस पार्टी के पास हैं। तीसरी सीट के लिए फूल सिंह बरैया को उम्मीदवार बनाया गया है, जिसके लिए कांग्रेस पार्टी के पास 42 विधायक ही बचते हैं। इस स्थिति में यह सीट निकलना मुश्किल है।



कमलनाथ 24 को दिल्ली से लौटेंगे भोपाल
कार्यवाहक मुख्यमंत्री कमलनाथ अब 24 को भोपाल लौटेंगे, पहले उनका सोमवार को भोपाल लौटने का कार्यक्रम था। अब नए कार्यक्रम के हिसाब से नाथ 24 को शाम या 25 को सुबह भोपाल लौट रहे हैं।


सांसद तन्खा ने की वित्तीय वर्ष आगे बढ़ाने की मांग


राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन से चालू वित्तीय वर्ष की अवधि 31 मार्च से बढ़ाकर 30 अप्रैल तक किए जाने की मांग की है। तन्खा ने ट्वीट कर कहा है कि वित्तीय वर्ष की अवधि बढ़ाए जाने के लिए केंद्र सरकार आर्डिनेंस जारी करे। फिलहाल पूरा देश कोरोना वायरस से होने वाली महामारी से निपटने में लगा है। इस स्थिति में बैंकिंग और अन्य वित्तीय संस्थानों में भी काम प्रभावित हो रहा है। व्यापारिक संस्थान और आम जनता भी वित्तीय वर्ष के अंत में टैक्स भरने संबंधी अन्य काम नहीं कर पा रही है।